Posts

Showing posts from October, 2021

शक्ति कहाँ पर है? / Where is the real power?

  शक्ति अगर शरीर में होती तो ; शेर जंगल का नहीं दुनिया का राजा होता। शक्ति अगर पैसों में होती तो सिकंदर अपने पैसों से अपनी मृत्यु को खरीद लेता। शक्ति है कहाँ? शक्ति सिर्फ और सिर्फ * मन * की होती है, जिसको हम Mind power(बौद्धिक शक्ति ) ya Soul Power(आत्मा की शक्ति) के रूप में जानते हैं । * तन्मे मनः शिवसंकल्पम् अस्तु । * (यजुर्वेद)

मित्रः प्रमीतेस्रायते।

• मित्रः प्रमीतेस्रायते ।    ( निरुक्त: यास्क ) -मित्र मृत्यु से बचाता है। मित्र = वायु, प्रमीति : = प्रमरणम् ततः । (जो मृत्यु से ) त्रायते = बचावे । • मित्र अर्थात वायु कैसे रक्षा करती है या बचाती है ? - इसका उत्तर भी उसी ग्रन्थ में हमें मिलता है, क्योंकि उसी वायु ने पृथ्वी और द्युलोक को धारण किया हुआ है। तभी तो यह पृथ्वी , सूर्य की परिक्रमा करते हुए कहीं गिरती या भटकती नहीं है । - प्राणवायु रूप से हमारा शरीर जीवित रखती है, अतः मित्र है।